बच्चों को ज्ञान देना और उनका भविष्य संवारने का एक नेक काम है, और इसीलिए शिक्षक का पेशा सबसे सम्मानित व्यवसायों में से एक माना जाता है. लेकिन अगर आप भी अपना करियर इसी क्षेत्र में बनाना चाहते हैं और अपने मन में ये सवाल है कि “टीचर बनने के लिए” (12 ke baad teacher kaise bane) क्या करना होगा, तो ये लेख आपके लिए ही है! आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि शिक्षक बनने के लिए किन योग्यताओं की ज़रूरत होती है, कौन-से कोर्स करने होते हैं और सरकारी या प्राइवेट स्कूल में टीचर बनने की प्रक्रिया क्या है.
टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें- स्टेप बाय स्टेप गाइड – 12 ke baad teacher kaise bane
शिक्षक बनना एक नेक पेशा है, जो न केवल बच्चों का भविष्य संवारता है, बल्कि समाज को भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप भी शिक्षण क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो 12वीं के बाद आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
Step 1 : शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करें
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): यह शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए सबसे बुनियादी और अनिवार्य योग्यता है। आप किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से 2 साल का बीएड कोर्स कर सकते हैं।
- एमएड (मास्टर ऑफ एजुकेशन): यदि आप उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक बनना चाहते हैं या शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आप एमएड की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं।
- बीएससी बीएड/एमबीबीएस बीएड: यदि आप विज्ञान या चिकित्सा विषयों में स्नातक हैं, तो आप बीएससी बीएड या एमबीबीएस बीएड जैसे एकीकृत पाठ्यक्रम भी कर सकते हैं।
चरण 2: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करें
- राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (एनटीईटी): यह सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य परीक्षा है।
- राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी): यदि आप किसी राज्य के सरकारी स्कूल में शिक्षक बनना चाहते हैं, तो आपको संबंधित राज्य की एसटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
चरण 3: नौकरी के लिए आवेदन करें
- सरकारी स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए: आप राज्य शिक्षा सेवा आयोग (एसएसएससी) या केंद्रीय विद्यालय संगठन (सीबीएसई) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में आवेदन कर सकते हैं।
- प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए: आप सीधे स्कूलों में जाकर आवेदन कर सकते हैं या शिक्षण नौकरियों के लिए ऑनलाइन पोर्टलों का उपयोग कर सकते हैं।
टीचर्स बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटें:
- शिक्षा मंत्रालय: https://www.education.gov.in/
- राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई): https://ncte.gov.in/Website/Index.aspx
- केंद्रीय विद्यालय संगठन (सीबीएसई): https://www.cbse.gov.in/
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गवर्नमेंट टीचर बनने के लिए क्या करें – How to become a government teacher after 12th in Hindi
सरकारी शिक्षक बनना एक सम्मानजनक और स्थायी पेशा है। यदि आप भी शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और सरकारी शिक्षक बनना चाहते हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण योग्यताएं प्राप्त करनी होंगी और कुछ चरणों का पालन करना होगा।
योग्यताएं:
- शैक्षणिक योग्यता: कम से कम किसी भी विषय में स्नातक (बीए/बीएससी/बीकॉम) होना अनिवार्य है। इसके बाद, आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की डिग्री प्राप्त करनी होगी।
- टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा): सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए, आपको राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (एनटीईटी) या राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) उत्तीर्ण करनी होगी।
चरण:
- शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करें: सबसे पहले, आपको अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करनी होगी।
- बीएड की डिग्री प्राप्त करें: स्नातक के बाद, किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से बीएड की डिग्री प्राप्त करें।
- टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करें: अपनी बीएड डिग्री पूरी करने के बाद, एनटीईटी या एसटीईटी परीक्षा के लिए आवेदन करें और इसे उत्तीर्ण करें।
- सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करें: जब आप योग्य हो जाएं, तो विभिन्न राज्यों के शिक्षा विभागों या केंद्रीय विद्यालय संगठन (सीबीएसई) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन करें।
- चयन प्रक्रिया में सफल हों: लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट सहित चयन प्रक्रिया में सफल होने पर आपको सरकारी शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
प्राइमरी टीचर बनने के लिए क्या करें – How to become a primary teacher after 12th in Hindi
बच्चों को शिक्षा देना और उनका भविष्य संवारना एक नेक कार्य है। यदि आप भी प्राइमरी टीचर बनकर इस नेक कार्य का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको कुछ खास योग्यताएं प्राप्त करनी होंगी और कुछ चरणों का पालन करना होगा।
योग्यताएं:
- शैक्षणिक योग्यता: कम से कम किसी भी विषय में 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): यह प्राइमरी शिक्षण के लिए अनिवार्य डिग्री है। आप इसे किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से 2 साल का कोर्स करके प्राप्त कर सकते हैं।
- टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा): सरकारी स्कूलों में प्राइमरी टीचर बनने के लिए, आपको राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (एनटीईटी) या राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) उत्तीर्ण करनी होगी।
चरण:
- 12वीं उत्तीर्ण करें: किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करें।
- बीएड में प्रवेश लें: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज में बीएड की डिग्री के लिए प्रवेश लें।
- बीएड की डिग्री प्राप्त करें: 2 साल का बीएड कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करें।
- टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करें: एनटीईटी या एसटीईटी परीक्षा के लिए आवेदन करें और इसे उत्तीर्ण करें।
- सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करें: जब आप योग्य हो जाएं, तो विभिन्न राज्यों के शिक्षा विभागों द्वारा आयोजित प्राइमरी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन करें।
- चयन प्रक्रिया में सफल हों: लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट सहित चयन प्रक्रिया में सफल होने पर आपको सरकारी प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
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12वीं के बाद शिक्षक बनने के लिए आवश्यक कौशल – Skills Required to Become a Teacher After 12th in Hindi
शिक्षण एक नेक पेशा है जो न केवल बच्चों का भविष्य संवारता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप 12वीं के बाद शिक्षक बनने का लक्ष्य रखते हैं, तो आपके पास कुछ आवश्यक कौशल होने चाहिए:
1. विषय ज्ञान:
- आपके पास जिस विषय को आप पढ़ाना चाहते हैं, उसमें गहन ज्ञान और समझ होनी चाहिए।
- आपको नवीनतम पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों से अपडेट रहना चाहिए।
2. संचार कौशल:
- आप स्पष्ट, प्रभावी ढंग से और विभिन्न आयु समूहों के छात्रों को आकर्षित करने वाले तरीके से संवाद करने में सक्षम होना चाहिए।
- आप जटिल अवधारणाओं को सरल शब्दों में समझाने में सक्षम होना चाहिए।
3. धैर्य और सहानुभूति:
- शिक्षण में धैर्य और सहानुभूति होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि सभी छात्र एक ही गति से नहीं सीखते हैं।
- आपको विभिन्न प्रकार के व्यक्तित्वों और सीखने की शैलियों वाले छात्रों को प्रबंधित करने में सक्षम होना चाहिए।
4. नेतृत्व कौशल:
- एक प्रभावी शिक्षक में नेतृत्व कौशल भी होना चाहिए।
- आप कक्षा को प्रेरित और प्रबंधित करने में सक्षम होना चाहिए।
- आप छात्रों को टीम वर्क और सहयोग के महत्व सिखाने में सक्षम होना चाहिए।
5. रचनात्मकता:
- शिक्षण को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए रचनात्मकता महत्वपूर्ण है।
- आप विभिन्न शिक्षण विधियों और गतिविधियों का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।
- आप छात्रों को अपनी कल्पना का उपयोग करने और रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करने में सक्षम होना चाहिए।
टीचर बनने के लिए आयु सीमा – Age limit to become a teacher in Hindi
भारत में, शिक्षक बनने के लिए कोई निश्चित आयु सीमा नहीं है।
लेकिन, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए कुछ योग्यताएं और प्रक्रियाएं निर्धारित हैं, जिनमें आयु सीमा भी शामिल है।
न्यूनतम आयु: अधिकांश राज्यों में, सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अधिकतम आयु
- प्राथमिक शिक्षक: 35 वर्ष (कुछ राज्यों में 40 वर्ष)
- माध्यमिक शिक्षक: 40 वर्ष (कुछ राज्यों में 45 वर्ष)
- उच्च शिक्षक: 45 वर्ष (कुछ राज्यों में 50 वर्ष)
प्राइमरी टीचर बनने के लिए उम्र
- आमतौर पर, प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए कोई निश्चित आयु सीमा नहीं होती है।
- स्कूल अपनी भर्ती नीति के अनुसार उम्मीदवारों की आयु निर्धारित करते हैं।
- हालांकि, अधिकांश प्राइवेट स्कूल 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच के युवा और ऊर्जावान शिक्षकों को प्राथमिकता देते हैं।
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टीचर बनने के लिए आवश्यक डिग्री – Degree required to become a teacher in Hindi
भारत में, विभिन्न स्तरों पर शिक्षण के लिए विभिन्न डिग्री आवश्यक हैं।
यहां एक टीचर बनने के लिए आवश्यक योग्यता सामान्य अवलोकन दिया गया है:
प्राइमरी टीचर बनने के लिए योग्यता – Eligibility to Become a Teacher in Hindi
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): यह प्राथमिक शिक्षण के लिए अनिवार्य डिग्री है। आप इसे किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से 2 साल का कोर्स करके प्राप्त कर सकते हैं।
- बीएससी बीएड/एमबीबीएस बीएड: यदि आप विज्ञान या चिकित्सा विषयों में स्नातक हैं, तो आप बीएससी बीएड या एमबीबीएस बीएड जैसे एकीकृत पाठ्यक्रम भी कर सकते हैं।
माध्यमिक टीचर बनने के लिए योग्यता (कक्षा 6 से 10):
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): यह माध्यमिक शिक्षण के लिए भी आवश्यक डिग्री है।
- एमए (मास्टर ऑफ आर्ट्स)/एमएससी (मास्टर ऑफ साइंस): यदि आप अपनी स्नातक डिग्री के बाद किसी विषय में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप एमए या एमएससी की डिग्री भी कर सकते हैं।
- बीएससी बीएड/एमबीबीएस बीएड: यदि आप विज्ञान या चिकित्सा विषयों में स्नातक हैं, तो आप बीएससी बीएड या एमबीबीएस बीएड जैसे एकीकृत पाठ्यक्रम भी कर सकते हैं।
उच्च शिक्षक बनने के लिए योग्यता (कक्षा 11 और 12):
- एमए (मास्टर ऑफ आर्ट्स)/एमएससी (मास्टर ऑफ साइंस): उच्च शिक्षण के लिए एमए या एमएससी की डिग्री अनिवार्य है।
- एमफिल (मास्टर ऑफ फिलॉसफी)/पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी): यदि आप उच्च शिक्षण में अनुसंधान या शिक्षण में करियर बनाना चाहते हैं, तो आप एमफिल या पीएचडी की डिग्री भी कर सकते हैं।
आंगनवाड़ी टीचर बनने के लिए योग्यता – Qualification to become an Anganwadi teacher in Hindi
आंगनवाड़ी टीचर बनना एक नेक कार्य है, जहाँ आप छोटे बच्चों को शिक्षा और पोषण प्रदान करते हैं। यदि आप भी आंगनवाड़ी टीचर बनने का सपना देखते हैं, तो आपको कुछ खास योग्यताएं हासिल करनी होंगी।
आइए जानते हैं आंगनवाड़ी टीचर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं:
- शैक्षिक योग्यता:
- 12वीं उत्तीर्ण: किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण (AWC Training): 12वीं पास करने के बाद, आपको 1 वर्ष का AWC प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। यह प्रशिक्षण राज्य सरकार द्वारा संचालित आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केंद्रों में दिया जाता है।
- आयु सीमा:
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
- अधिकतम आयु: 35 वर्ष (कुछ राज्यों में 40 वर्ष)
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सरकारी टीचर बनने के लिए कोर्स – Teaching Courses in Hindi
शिक्षक बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है सही शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करना। भारत में स्कूल के विभिन्न स्तरों पर पढ़ाने के लिए अलग-अलग कोर्स निर्धारित किए गए हैं।
आइए विभिन्न स्तरों के लिए 12वीं के बाद टीचर बनने के लिए कुछ प्रमुख कोर्सेज़ देखें:
- प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5):
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): यह प्राइमरी शिक्षण के लिए अनिवार्य 2 साल का कोर्स है।
- बीएससी बीएड/एमबीबीएस बीएड: विज्ञान या चिकित्सा विषयों में स्नातक छात्र इन एकीकृत पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं।
- माध्यमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 10):
- बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन): माध्यमिक शिक्षण के लिए भी यह 2 साल का अनिवार्य कोर्स है।
- बीएससी बीएड/एमबीबीएस बीएड: विज्ञान या चिकित्सा विषयों के स्नातक इन पाठ्यक्रमों को चुन सकते हैं।
- एमए/एमएससी (मास्टर ऑफ आर्ट्स/मास्टर ऑफ साइंस): अपनी स्नातक डिग्री के बाद किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए यह कोर्स किया जा सकता है।
- उच्च शिक्षक (कक्षा 11 और 12):
- एमए/एमएससी (मास्टर ऑफ आर्ट्स/मास्टर ऑफ साइंस): उच्च शिक्षण के लिए यह अनिवार्य डिग्री है।
- एमफिल/पीएचडी (मास्टर ऑफ फिलॉसफी/डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी): यदि आप उच्च शिक्षण में अनुसंधान या शिक्षण में विशेषज्ञता चाहते हैं, तो ये कोर्स किए जा सकते हैं।
टीचर बनने के लिए आवश्यक परसेंट – Percentage required to become a teacher in hindi
टीचर बनने के लिए अच्छे अंक महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह अकेला कारक नहीं है। शिक्षक बनने के लिए अन्य महत्वपूर्ण गुण भी होते हैं, जैसे कि धैर्य, सहानुभूति, संचार कौशल, और विषय ज्ञान।
यदि आप में शिक्षक बनने के लिए दृढ़ हैं, तो कठोर परिश्रम, लगन और समर्पण से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षण स्तर | न्यूनतम परसेंट |
प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5) | 12वीं में कम से कम 50% अंक |
माध्यमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 10) | 2वीं में कम से कम 50% अंक और स्नातक में कम से कम 45% अंक |
उच्च शिक्षक (कक्षा 11 और 12) | स्नातक में कम से कम 50% अंक और स्नातकोत्तर में कम से कम 50% अंक |
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12वीं के बाद टीचर बनने के लिए आवश्यक प्रवेश परीक्षाएं – Entrance exams to become a teacher after 12th in Hindi
अब आइए देखते हैं टीचर बनने के लिए प्रवेश परीक्षाएं महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये आपकी शिक्षण योग्यता का आकलन करती हैं। अच्छी तैयारी और कड़ी मेहनत से आप इन परीक्षाओं में सफल हो सकते हैं और अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।
शिक्षण स्तर | प्रवेश परीक्षा |
प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5) | सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) या एसटीईटी (राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) |
माध्यमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 10) | सीटीईटी या एसटीईटी |
उच्च शिक्षक (कक्षा 11 और 12) | यूजीसी नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) या एसटीईटी |
12वीं के बाद टीचिंग में करियर स्कोप – Career scope in teaching after 12th in Hindi
एक दिलचस्प बात यह है कि 12वीं के बाद टीचिंग एक आकर्षक और सम्मानजनक करियर विकल्प है। यह उन लोगों के लिए उत्तम विकल्प है जो शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं और युवा पीढ़ी को आकार देना चाहते हैं।
यहां 12वीं के बाद टीचिंग में करियर स्कोप के कुछ मुख्य पहलू दिए गए हैं:
1. नौकरी के अवसर:
- सरकारी स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए लगातार भर्ती होती रहती है।
- केंद्र सरकार और राज्य सरकारें शिक्षकों की भारी आवश्यकता रखते हैं।
- निजी स्कूलों में भी शिक्षकों की बढ़ती मांग है।
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भी असिस्टेंट प्रोफेसर और लेक्चरर के पदों पर अवसर उपलब्ध हैं।
2. वेतन और भत्ते:
- सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को अच्छा वेतन और भत्ते मिलते हैं।
- वेतन अनुभव और योग्यता के अनुसार बढ़ता जाता है।
- निजी स्कूलों में वेतन विभिन्न होता है, लेकिन अच्छा हो सकता है।
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों और लेक्चररों को अच्छा वेतन और अनेक भत्ते मिलते हैं।
3. सामाजिक सम्मान:
- शिक्षकों को समाज में सम्मान और प्रशंसा मिलती है।
- वे युवा पीढ़ी को दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- उनके कार्य का समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
4. कार्य-जीवन संतुलन:
- अध्यापकों को निश्चित कार्य समय मिलता है, जिससे वे अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन के लिए समय निकाल सकते हैं।
- छुट्टियां और अन्य अवकाश भी उपलब्ध होते हैं।
5. निरंतर विकास:
- अध्यापक अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर विकसित कर सकते हैं।
- वे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सेमिनारों में भाग ले सकते हैं।
- यह उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद करता है।
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भारत में सबसे अच्छे शिक्षण कॉलेज – Top Teaching Colleges in Hindi
शिक्षक बनने के लिए सही कॉलेज चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। एक अच्छा कॉलेज आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जो आपको एक सफल शिक्षक बनने के लिए तैयार करेगा।
यहां भारत के कुछ सबसे अच्छे शिक्षण कॉलेजों की सूची दी गई है:
कॉलेज का नाम | स्थान |
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (एनआईई) | नई दिल्ली |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) | नई दिल्ली |
दिल्ली विश्वविद्यालय | नई दिल्ली |
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) | वाराणसी |
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) | नई दिल्ली |
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) | मुंबई |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईआईएमआर) | फरीदाबाद |
अशोका विश्वविद्यालय | सोनीपत |
अजिम् प्रेमजी विश्वविद्यालय | बेंगलुरु |
श्री रामचंद्र विश्वविद्यालय | चेन्नई |
टीचर जॉब प्रोफाइल और वेतन – Teacher Job Profile and Salary in Hindi
भारत में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित किया जाता है। निजी स्कूलों में वेतन विद्यालय की नीति के अनुसार भिन्न होता है। विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों का वेतन यूजीसी वेतनमान के अनुसार होता है।
यहां एक अनुमानित वेतन श्रेणी दी गई है:
शिक्षण स्तर | अनुभव | वेतन |
प्राथमिक शिक्षक | 0-5 वर्ष | ₹30,000 – ₹50,000 प्रति माह |
प्राथमिक शिक्षक | 5-10 वर्ष | ₹50,000 – ₹70,000 प्रति माह |
माध्यमिक शिक्षक | 0-5 वर्ष | ₹40,000 – ₹60,000 प्रति माह |
माध्यमिक शिक्षक | 5-10 वर्ष | ₹60,000 – ₹80,000 प्रति माह |
उच्च शिक्षक | 0-5 वर्ष | ₹50,000 – ₹70,000 प्रति माह |
उच्च शिक्षक | 5-10 वर्ष | ₹70,000 – ₹90,000 प्रति माह |
निष्कर्ष – Conclusion
12वीं के बाद शिक्षक बनने का सपना देख रहे छात्रों के लिए कई रास्ते खुले हैं। आप सीटीईटी/एसटीईटी जैसी शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करके सरकारी स्कूलों में शिक्षक बन सकते हैं। आप बीएड और एमएड जैसे शिक्षा में उच्च डिग्री प्राप्त करके निजी स्कूलों या विश्वविद्यालयों में शिक्षण का अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
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टीचर बनने के लिए अक्सर पूंछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans.न्यूनतम: स्नातक पूरा करने के बाद शिक्षा में स्नातक की डिग्री (बी.एड.) कुछ राज्य 12वीं के बाद एकीकृत बी.एड. कार्यक्रमों की अनुमति देते हैं
Ans. आमतौर पर 12वीं के बाद 5-6 साल (स्नातक के लिए 3-4 साल + बी.एड. के लिए 2 साल)
Ans. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस शिक्षण स्तर और विषय को आगे बढ़ाना चाहते हैं। आम तौर पर, मुख्य विषयों में मजबूत आधार फायदेमंद होता है।
Ans. संचार, धैर्य, रचनात्मकता, नेतृत्व, अनुकूलनशीलता और विषय ज्ञान
Ans.आम तौर पर नहीं, लेकिन कुछ क्षेत्र केवल 12वीं + डी.एल.एड के साथ प्राथमिक स्तर पर शिक्षण की अनुमति देते हैं
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