12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने | How to become a collector after 12th in hindi

By Dharmendra Kumar

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क्या आप समाज सेवा का जुनून रखते हैं? क्या आप नेतृत्व की भूमिका निभाने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित हैं? यदि हाँ, तो जिला कलेक्टर बनने का लक्ष्य आपके लिए बिल्कुल सही हो सकता है। 12वीं के बाद कलेक्टर बनने की राह चुनौतीपूर्ण ज़रूर है, लेकिन यह असंभव नहीं है। कड़ी मेहनत, लगन और सही रणनीति के साथ आप इस सपने को पूरा कर सकते हैं।इस लेख में, हम आपको 12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यता, चयन प्रक्रिया, तैयारी की रणनीति और कुछ महत्वपूर्ण सुझावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।”12वीं के बाद कलेक्टर” बनने की राह पर चलना चाहते हैं, तो ये लेख आपके लिए ही है! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए क्या रास्ता अपनाना होगा.

Table of Contents

कलेक्टर किसे कहते हैं – What is a collector in hindi

कलेक्टर क्या होता है

what is a collector in hindi

कलेक्टर क्या होता है (collector kya hota hai) इसे समझने के लिए गहराई से जानना होगा. जिला कलेक्टर, जिन्हें जिलाधिकारी (डीएम) भी कहा जाता है, किसी जिले के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं। वे भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और जिले के विकास और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कलेक्टर विभिन्न विभागों के कार्यों का समन्वय करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी योजनाएं और नीतियां प्रभावी ढंग से लागू हों।

  • वे नागरिकों की समस्याओं का समाधान करते हैं और जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए काम करते हैं। कलेक्टरों को अपनी भूमिका निभाने के लिए मजबूत नेतृत्व कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, संचार कौशल और प्रशासनिक अनुभव की आवश्यकता होती है।
  • 12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए, आपको यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। यह परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है।
  • यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, आपको विभिन्न चयन चरणों से गुजरना होगा, जिसमें साक्षात्कार और चिकित्सा परीक्षा शामिल हैं। यदि आप सभी चरणों में सफल होते हैं, तो आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चुना जाएगा।
  • आईएएस में चयनित होने के बाद, आपको प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर आपको विभिन्न जिलों में तैनात किया जाएगा।

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कलेक्टर के प्रकार – Types of Collectors in Hindi

भारत में, विभिन्न प्रकार के कलेक्टर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट भूमिका और जिम्मेदारियां होती हैं।

  • 1. जिला कलेक्टर (डीएम)– यह सबसे आम प्रकार का कलेक्टर है, जो किसी जिले के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है। वे जिले के विकास, कानून व्यवस्था, राजस्व वसूली और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • 2. संयुक्त जिला कलेक्टर (एसडीएम)- एसडीएम जिला कलेक्टर के सहायक होते हैं और उन्हें जिले के विभिन्न विभागों के कार्यों का निरीक्षण करने और समन्वय करने का काम सौंपा जाता है।
  • 3. उप जिला कलेक्टर (एसडीएम)– एसडीएम किसी जिले के उप-विभाग के प्रभारी होते हैं और वे उस उप-विभाग के विकास और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • 4. अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम)- एडीएम जिला कलेक्टर को विशिष्ट कार्यों, जैसे कि राजस्व, कानून व्यवस्था या चुनावों के लिए सहायता प्रदान करते हैं।
  • 5. उपायुक्त– उपायुक्त दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे कुछ बड़े शहरों में जिला कलेक्टर के समकक्ष होते हैं।
  • इनके अलावा, कुछ अन्य प्रकार के कलेक्टर भी होते हैं, जैसे कि पुलिस अधीक्षक (एसपी), वन संरक्षक, और आबकारी आयुक्त।
  • 12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए, आपको यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी और आईएएस में चयनित होना होगा।

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जिला कलेक्टर के कार्य – District Collector’s duties in Hindi

कलेक्टर बनने के लिए जरूरी कौशल

जिला कलेक्टर के मुख्य कार्यों में शामिल हैं:

  • कानून व्यवस्था: जिला कलेक्टर जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के साथ काम करते हैं।
  • विकास कार्य: वे जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में विकास कार्यों की योजना और निष्पादन करते हैं।
  • सरकारी योजनाएं: कलेक्टर विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, और जन धन योजना को लागू करते हैं।
  • राजस्व संग्रह: वे भूमि राजस्व और अन्य करों का संग्रह भी करते हैं।
  • आपदा प्रबंधन: वे प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों के दौरान राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व करते हैं।
  • अन्य कार्य: जिला कलेक्टर चुनाव, जनगणना, और विभिन्न न्यायिक कार्यों जैसे अन्य कार्यों का भी निरीक्षण करते हैं।

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कलेक्टर बनने के लिए टॉप कोर्स – Top course to become a collector in HIndi

कलेक्टर बनने के लिए टॉप कोर्स

Top course to become a collector in HIndi

12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए, आपको यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस परीक्षा की तैयारी के लिए, आप विभिन्न कोचिंग संस्थानों या ऑनलाइन संसाधनों का लाभ उठा सकते हैं।

यहां कुछ टॉप कोर्सेज दिए गए हैं जो आपको यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में मदद कर सकते हैं

1. दिल्ली में कोचिंग संस्थान

  • वजीराम एंड रवि– यह भारत का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी कोचिंग संस्थान है।
  • दृष्टि आईएएस– यह एक और लोकप्रिय यूपीएससी कोचिंग संस्थान है जो अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है।
  • एनालिसिस आईएएस– यह संस्थान अपने अनुभवी संकाय और व्यक्तिगत ध्यान के लिए जाना जाता है।

2. ऑनलाइन कोर्सेज

  • उनएकेडमी– यह एक लोकप्रिय ऑनलाइन शिक्षा मंच है जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • दृष्टि आईएएस- दृष्टि आईएएस ऑनलाइन कोचिंग भी प्रदान करता है जो उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो कक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं।
  • स्टार प्लस – यह एक और लोकप्रिय ऑनलाइन यूपीएससी कोचिंग संस्थान है जो गुणवत्तापूर्ण वीडियो व्याख्यान और अध्ययन सामग्री प्रदान करता है।

इन कोर्सेज के अलावा, आप विभिन्न पुस्तकों, पत्रिकाओं और ऑनलाइन संसाधनों का भी उपयोग करके यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

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12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए सब्जेक्ट – Subject to become a collector in Hindi

कलेक्टर बनने के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए, आपको किसी भी विषय में स्नातक डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है। यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई विशिष्ट विषय आवश्यकता नहीं है, इसलिए आप अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं।

हालांकि, कुछ विषय ऐसे हैं जो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक उपयोगी माने जाते हैं, जैसे कि

  • राजनीति विज्ञान– यह विषय आपको भारतीय राजनीति, शासन प्रणाली और सार्वजनिक नीति के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो यूपीएससी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं।
  • इतिहास– यह विषय आपको भारत और विश्व के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स के लिए महत्वपूर्ण है।
  • समाजशास्त्र- यह विषय आपको भारतीय समाज की संरचना, समस्याओं और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो सामाजिक मुद्दों पर आपकी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
  • अर्थशास्त्र– यह विषय आपको भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो आर्थिक मुद्दों पर आपकी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
  • कानून– यह विषय आपको भारतीय कानून और संविधान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो कानूनी मुद्दों पर आपकी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

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कलेक्टर बनने के लिए योग्यता – Qualification to become a collector in hindi

जिला कलेक्टर कैसे बने
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12वीं के बाद कलेक्टर बनने का सपना रखने वाले छात्रों के लिए सबसे पहला कदम है योग्यता को पूरा करना।संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होता है, जो भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।

यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए, निम्नलिखित योग्यता आवश्यक हैं

  • नागरिकता– उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आयु– न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष ( आरक्षित श्रेणी के लिए छूट है) है। आयु की गणना 1 अगस्त के अनुसार की जाती है।
  • शैक्षिक योग्यता- किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री आवश्यक है। संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC ) की आधिकारिक वेबसाइट पर विस्तृत अधिसूचना देखी जा सकती है।

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12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने पूरी जानकारी – Complete information on how to become a collector in Hindi

यह भारत की कलेक्टर की पढ़ाई सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है।यूपीएससी परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है

प्रारंभिक कलेक्टर एग्जाम

कलेक्टर एग्जाम यह वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय परीक्षा है जो उम्मीदवारों की सामान्य ज्ञान, योग्यता और समझ का आकलन करती है।

इस परीक्षा में दो अनिवार्य पेपर होते हैं

  • पेपर I– इसमें सामान्य अध्ययन (जीएस) शामिल है, जिसमें 200 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं। इसमें करंट अफेयर्स, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, आदि शामिल हैं।
  • पेपर II– इसमें सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (सीएसएटी) शामिल है, जिसमें 200 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं। इसमें अंग्रेजी और हिंदी भाषा की समझ, तर्क, निर्णय लेने और समस्या समाधान कौशल का आकलन किया जाता है।

मुख्य कलेक्टर एग्जाम

कलेक्टर एग्जाम पेपर यह व्यक्तिपरक परीक्षा है जो उम्मीदवारों के ज्ञान, विश्लेषणात्मक सोच और लेखन कौशल का आकलन करती है।

इस परीक्षा में नौ कलेक्टर एग्जाम पेपर होते हैं, प्रत्येक 250 अंकों का

  • पेपर I– इसमें सामान्य अध्ययन (जीएस) I शामिल है।
  • पेपर II– इसमें सामान्य अध्ययन (जीएस) II शामिल है।
  • पेपर III– इसमें वैकल्पिक विषय शामिल है। उम्मीदवारों को 51 वैकल्पिक विषयों में से एक का चयन करना होता है।
  • पेपर IV- इसमें सामान्य अध्ययन (जीएस) III शामिल है।
  • पेपर V– इसमें सामान्य अध्ययन (जीएस) IV शामिल है।
  • पेपर VI– इसमें हिंदी भाषा शामिल है।
  • पेपर VII- इसमें अंग्रेजी भाषा शामिल है।
  • पेपर VIII– इसमें भारतीय भाषा शामिल है। उम्मीदवारों को 22 भारतीय भाषाओं में से एक का चयन करना होता है।
  • पेपर IX– इसमें इंजीनियरिंग शामिल है (केवल इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के लिए)।

साक्षात्कार

यह व्यक्तित्व मूल्यांकन का एक चरण है जिसमें उम्मीदवारों की बुद्धिमत्ता, संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जागरूकता का आकलन किया जाता है।

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कलेक्टर बनने के लिए भाषा आवश्यकताएं – Language Requirements to Become a Collector in Hindi

यूपीएससी परीक्षा में भाषा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

यहां यूपीएससी परीक्षा के लिए भाषा आवश्यकताओं का सारांश दिया गया है

प्रारंभिक परीक्षा- प्रारंभिक परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। उम्मीदवारों को दोनों भाषाओं में पढ़ने, लिखने और समझने में सक्षम होना चाहिए।
मुख्य परीक्षा- मुख्य परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। उम्मीदवारों को वैकल्पिक विषय के लिए चुनी गई भाषा में भी सक्षम होना चाहिए।
साक्षात्कार- साक्षात्कार हिंदी या अंग्रेजी में आयोजित किया जा सकता है। उम्मीदवारों को चुनी गई भाषा में धाराप्रवाह बोलने और समझने में सक्षम होना चाहिए।

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कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक पुस्तकें – Books to become a collector in hindi

कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक पुस्तकें

Essential books to become a collector in hindi

12वीं के बाद कलेक्टर बनने की तैयारी के लिए पुस्तकें एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं।

यहां कुछ आवश्यक पुस्तकें दी गई हैं जो आपको यूपीएससी परीक्षा में सफल होने में मदद कर सकती हैं

सामान्य अध्ययन (जीएस)

  • एनसीईआरटी की पुस्तकें- (NCERT books)11वीं और 12वीं कक्षा की सभी विषयों की एनसीईआरटी की पुस्तकें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं।
    प्रमुख समाचार पत्र और पत्रिकाएं-( Major newspapers and magazines)नियमित रूप से प्रमुख समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ें, जैसे कि द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द इकोनॉमिक टाइम्स, फ्रंटलाइन, इंडिया टुडे, आदि। यह आपको करंट अफेयर्स और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से अपडेट रहने में मदद करेगा।
    मानक संदर्भ पुस्तकें-(standard reference books) विभिन्न विषयों के लिए मानक संदर्भ पुस्तकें पढ़ें, जैसे कि राजनीति विज्ञान के लिए एम.एल. गोयल, इतिहास के लिए बी.एल. ग्रोवर, अर्थशास्त्र के लिए डी.एन. द्विवेदी, आदि।
    वैकल्पिक विषय
  • यूपीएससी परीक्षा गाइड- बाजार में कई यूपीएससी परीक्षा गाइड उपलब्ध हैं। ये गाइड आपको परीक्षा के प्रारूप, पाठ्यक्रम और तैयारी की रणनीति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
    पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको परीक्षा के पैटर्न और प्रश्न पूछने के तरीके को समझने में मदद मिलेगी।
    अभ्यास पुस्तकें- विभिन्न विषयों के लिए अभ्यास पुस्तकें हल करने से आपको अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने और अपनी कमजोरियों को सुधारने में मदद मिलेगी।

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12वीं के बाद कलेक्टर की सैलरी – What is the salary of a collector in hindi

12वीं के बाद कलेक्टर बनना एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है जो जिला कलेक्टर की सैलरी और भत्ते प्रदान करता है।

वेतन- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का वेतन उनके वेतनमान और अनुभव के स्तर के अनुसार होता है।
नवीनतम वेतनमान के अनुसार, 7वें वेतन आयोग के तहत, एक नवप्रवेशी आईएएस अधिकारी को प्रति माह ₹57,750 का मूल वेतन मिलता है।अनुभव के साथ वेतन बढ़ता जाता है, और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ₹2,50,000 या उससे अधिक प्रति माह कमा सकते हैं।
भत्ते- आईएएस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं, जैसे कि आवास भत्ता, परिवहन भत्ता, बच्चों का शिक्षा भत्ता, चिकित्सा भत्ता, आदि।

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निष्कर्ष – Conclusion

12वीं के बाद कलेक्टर बनना एक कठिन लेकिन पुरस्कृत सफर है। इसमें कड़ी मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के लिए आपको समर्पण, अनुशासन और मजबूत तैयारी रणनीति की आवश्यकता होगी।यदि आप दृढ़ हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो कलेक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित करना एक उत्कृष्ट विकल्प है।इस लेख में, हमने आपको 12वीं के बाद कलेक्टर बनने की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है, जिसमें आवश्यक शिक्षा योग्यता, आवेदन प्रक्रिया, परीक्षा पैटर्न, महत्वपूर्ण पुस्तकें, करियर स्कोप और वेतन पैकेज शामिल हैं।हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए सहायक रही होगी। याद रखें, सफलता रातोंरात नहीं मिलती।अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहें, कड़ी मेहनत करें और आप निश्चित रूप से अपने सपने को साकार कर पाएंगे।

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12वीं के बाद कलेक्टर बनने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q. 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने

Ans. 12वीं के बाद कलेक्टर बनने के लिए, आपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। किसी विशेष विषय या न्यूनतम अंकों की आवश्यकता नहीं है।

Q. कलेक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है

Ans.भारत का नागरिक होना चाहिए।
किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 50% अंकों के साथ स्नातक होना चाहिए।
अंतिम परीक्षा में अंग्रेजी विषय होना अनिवार्य है।
UPSC द्वारा निर्धारित आयु सीमा के अंदर होना चाहिए। (आमतौर पर 21 से 32 वर्ष)

Q. आईएएस बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें

Ans. किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करें।
अंतिम वर्ष में पढ़ रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण होने से पहले स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी होगी।

Q. यूपीएससी कितने साल का होता है

Ans. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक अनुमान है कुछ उम्मीदवार 1 साल में ही परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते हैं, जबकि कुछ को 5 साल या उससे अधिक समय लग सकता है।

Q. आईएएस का एग्जाम कितनी बार दे सकते हैं

Ans. सामान्य वर्ग (GEN)इन श्रेणियों के उम्मीदवार 32 वर्ष की आयु तक अधिकतम 6 बार परीक्षा दे सकते हैं।अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)इन श्रेणियों के उम्मीदवार 35 वर्ष की आयु तक अधिकतम 9 बार परीक्षा दे सकते हैं।अनुसूचित जाति (SC)इन श्रेणियों के उम्मीदवार अपनी अधिकतम आयु सीमा तक जितनी बार चाहें परीक्षा दे सकते हैं।

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